भगवान केवल शुद्ध कर्म करने की ही मांग करते हैं। from "summary" of Shrimad Bhagwat Geeta - Gita Saar (Hindi) 2020: भाग 5 by पं. रवि शास्त्री
भगवान केवल शुद्ध कर्म करने की ही मांग करते हैं। भगवान को भले ही हर किसी का समर्थन हो, लेकिन उन्हें शुद्ध कर्म करने की मांग है। यह अर्थ है कि भगवान को उनके भक्तों से केवल सच्चे और निस्वार्थिक कर्म की आशा है। भगवान केवल शुद्ध कर्म करने की ही मांग करते हैं क्योंकि वे हमें उच्च भावनाओं और नीतियों की ओर प्रेरित करना चाहते हैं। उन्हें हमारे कर्मों से उत्तमता की उम्मीद है जो हमें शुद्ध और निःस्वार्थ कर्म करने पर मजबूर करता है। भगवान केवल शुद्ध कर्म करने की ही मांग करते हैं क्योंकि उन्हें भक्तों की शुद्धता और पवित्रता से प्रफुलSimilar Posts
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